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एक समय की बात है किसी गांव में दो मित्र साथ रहते थे दोनों मित्रों की बहुत अच्छी मित्रता थी एक ही गांव के अड़ोस पड़ोस में रहते थे I एक ही गांव के रहने वाले थे I  घर भी आसपास  थे I  दोनों साथ साथ स्कूल जाते थे,  साथ साथ खेलते थे दोनों में गहरी मित्रता हो गई एक की उम्र 8 साल और दूसरे की उम्र 12 साल I दोनों में 4 साल का अंतर था 8 साल वाला थोड़ा पतला दुबला था और 12 साल वाला थोड़ा शरीर से भी मजबूत था I लेकिन दोनों मित्र दोनों बहुत ही अच्छे थे , हर बात को शेयर करते थे,  एक दूसरे के सुख दुख में काम आते थे एक दूसरे के सुख और दुख में साथ दिया करते थेI  ऐसे करते करते दोनों कभी-कभी जंगल की तरफ गांव के ऐसे इलाकों में भी घूमने जाया करते थे जो थोड़ा सा गांव से दूर पड़ता है वहां दोनों खेल में मस्त अपनी मस्ती में मस्त खेलते खेलते वह के पास पहुंच गए I  ध्यान  नहीं दिया और किसी कारणवश खेलते खेलते वह बड़ा वाला लड़का दोस्त उस कुएं में गिर गया I आस-पास में कोई ऐसा  स्रोत  नहीं दिख रहा था जिससे कि उस किसी को बुलाया जाए किसी को आवाज दी जाए और अपने दोस्त को बाहर निकाला जाए अपने दोस्त को बचाया छोटे वाले दोस्त ने उधर उधर कुछ भी नजर नहीं आया किसी इंसान की छांव तक आसपास नजर नहीं , लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी और उसे एक बाल्टी से बधी हुई लंबी रस्सी मिली , लड़का तुरंत रस्सी को कुएं में डालता है और उसका दोस्त इस बाल्टी को पकड़ लेता है वह लड़का अपनी ओर से पूरी कोशिश में लग जाता है कि बाहर दोस्त उस रस्सी को खींचता है , है खींचता है खींचता है तब तक खींचता रहता है धीरे-धीरे जब तक कि दोस्त पूर्ण रूप से बाहर नहीं निकल जाता और इस तरह अपने दोस्त को बचाता है और यह बात धीरे-धीरे करके पूरे गांव में फैल जाती है लेकिन उस बात पर विश्वास करने को तैयार नहीं होता कि इस पतले से लड़के ने उस मोटे लड़के को एक कुएं से बाहर निकाल लिया होगा क्योंकि अक्सर यह काम थोड़ा सा हर किसी को मुश्किल लगता है गांव में किसी ने विश्वास नहीं किया लेकिन एक बुजुर्ग आदमी था उसे लगा काम किया जा सकता है कुछ गांव वाले दोनों लड़कों के पास दोनों लड़कों को लेकर उस बुजुर्ग के पास पहुंचे और उस बुजुर्ग से पूछा कि यह घटना कैसे घटी जिसने इस लड़के को कैसे बचा लिया बुजुर्ग जवाब देता है कि यह बिल्कुल संभव है और यह घटना सच्ची है और यह संभव हुआ है उस बुजुर्ग ने कहा कि जब कोशिश कर रहा था लड़के को बता रहा था तभी आस-पास में कोई कहने वाला नहीं था कि तुम भी कर सकती उसे बताने वाला रोकने वाला नहीं था उसने वाला नहीं था और यहां तक कि खुद भी इस बात के लिए फ्री नहीं था कि वह खुद को भी यह कहे कि तू भी नहीं कर सकता क्योंकि वह भी अपने मकसद में व्यस्त था वह भी अपने दोस्त बस , अपने दोस्त को बचाने लगा हुआ था बस यही कारण रहा कि वह अपने मकसद में सफल हो पाया और अपने दोस्त को बचाता है दुनिया की आदि शक्तियां इंसान को सिर्फ और सिर्फ कमजोर करने इंसान के प्रति नेगेटिव बात करने में और इंसान को नीचे गिराने में लगी रहती है यदि जीवन में आगे जाना सकारात्मक कार्य करना अच्छा कार्य करना बेहतर कार्य करना है तो बहरा बंद कर लोगों की नकारात्मक बातों को नहीं सुनकर अपने टारगेट ,  अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा I तभी जाकर हम अपने कार्य में पूर्ण रूप से सफल हो पाए हो पाएंगे I


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