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Speech on independence day for students

मेरा नाम ABC है।  मैं कक्षा 12 का विद्यार्थी हूं।  आज इस मंच पर खडा होकर आप सभी मेरे आदरणीय अध्यापकों, अभिभावकों, मित्रो , विध्यार्थियों , आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महोदय श्रीमान XYZ, गांव से पधारे हुए सभी सम्माननीय महानुभव, और मेरे प्यारे सहपाठियों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार|  आज के इस महान राष्ट्रीय पर्व के शुभ अवसर पर हम सभी इस पवित्र प्रांगण शिक्षा  के मंदीर में  इकट्ठे हुए हैं।  इसका प्रयोजन और उद्देश्य क्या है इस तथ्या से आप सभी भली भांति वाकीफ  हैं कि यह दिवस हम भारतीयों के लिए कितना महत्वपूर्ण है।  यह हमारे लिए कितना खूबसूरत और मंगल अवसर है यह बताने की जरूरत नही है।  आज का दिन भारत इतिहास में सदा के लिए उल्लेखित हो चुका है।  यह वह दिन था जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा वर्षों तक लड़ी लंबी लड़ाई  और संघर्ष के बाद 200 साल तक चले ब्रिटिश साम्राज्य को यहां से उखाड फेंका था।  हमारे देश की आजादी से पहले इस दिन को याद करने के लिए हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।  इसके पीछे बहुत लंबा इतिहास है।  ब्रिटिश शासन  को आज के ही दिन 15 अगस्त 1947  को भारत की जनता और स्वतंत्रता  सेनानियों द्वारा  उखाडकर के फेंक दिया गया था।  आज 15 अगस्त 1947  के बाद अंग्रेजों ने यहां से विदा ली थी।  हमारे देश का शासन हमारे हाथों में पूर्ण रूप से आ गया था।  हमें मातृभूमि के सारे अधिकार मिले।  हमें अपने देश का शासन अपने हाथों चलाने का सौभाग्य मिला।  आज हमें इस बात के लिए उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को धन्यवाद देते हुए, हमारे इस सौभाग्य की प्रशंसा करनी चाहिए कि हम आजाद भारत की भूमि में पैदा हुए हैं।  15 अगस्त 1947 से पहले भारत  गुलामी की बेडीयों में जकडे हुए था ।  उस समय का इतिहास बहुत कुछ बयां करता है कि किस तरह अंग्रेजों द्वारा हमारे पूर्वजों पर यातनाएं की।  आज हम यहां बैठकर इस बात की कल्पना तक नही कर सकते कि ब्रिटिश शासन का काल हमारे देश के लिए कितना मुश्किल था।  अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया|  1857 की क्रांति से लेकर 1947 तक लगभग 90 वर्ष तक अनवरत, बिना रुके  इस काम का बीडा उठाने में सबसे पहले आगे आने वाले सैनिक मंगल पांडे थे|  और मंगल पांडे साहब को फॉलो करते हुए उनके साथ और सैकडो स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष किया और अपने पूरे जीवन को भारत देश की सेवा में लगा दिया|  देश को आजाद कराने के लिए प्रण लेकर वह कूद पडे; जैसे कि भगतसिंह, खुदीराम बोस, चंद्रशेखर आजाद बहुत ही कम उम्र में इस देश की स्वतंत्रता के लिए कूद पडे|  उन्होंने अपनी जान की बाजी लगा दी|  नेताजी और गांधीजी के संघर्ष को हम कभी दरकिनार नही कर सकते|  कभी भी नही भुलाया जा सकता जैसा संघर्ष उनका रहा है|  गांधीजी एक महान व्यक्तित्व के धनी थे जिनके माध्यम से देश को आजादी दिलाने का रास्ता दिखाया उसी राहपर चलकर  आज के दिन भारत को आजादी मिली|  हम लोग काफी मायने में भाग्यशाली है|  हमारे पूर्वजों ने जिस तरीके से हमें आजादी दिलाई, आज हमें शांति और खुशी की धरती पर रहने के लिए आजाद किया|  आज हम बिना किसी डर के हमारे देश के अंदर रह रहे है|  हमारे देश के विद्यालयों में पूरी मस्ती के साथ शिक्षा ग्रहण कर रहे है|  आज हमारा देश अपनी स्वदेशी तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्तीय, और भी कई तरीके की चीजों में आगे बढ रहा है, जो कि उस समय परतंत्रता की बेडीयों में जकड़े  रहते  कतई संभव नही था|  आज कई सारे ओलंपिक गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में भारत सक्रियता के साथ में भाग लेकर आगे बढ रहा है|  इस मुकाम पर आकर मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि जो संघर्ष हमारे बुजुर्गों ने किया, उस संघर्ष को हम कतई नही भुला पाएंगे|  हमें सभी युवाओं को आज के समय में मिलकर सिर्फ इतना काम करना है कि जो रास्ता सत्य, अहिंसा, ईमानदारी, और संघर्ष का  हमारे पूर्वज और हमारे स्वतंत्रता सेनानी हमें दिखाकर गए हम उनके कदमों पर चलते रहें, हम उनके आदर्शों पर चलते रहें, और निस्वार्थ भाव से यथासंभव हम अपने देश की सेवा में आगे आए|  देश सेवा के लिए अनवरत लगे रहे|  मुझे इस पवित्र मंच पर पवित्र प्रांगण में खडे होकर आप सभी ने दो शब्द कहने का अवसर दिया इसके लिए मैं इस विद्यालय प्रशासन का और आप सभी अभिभावकों का दिल से आभारी हूं|  मेरे बोलने में कोई गलती हो गई हो तो कृपया मुझे माफ करें|  धन्यवाद!

 

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