सकारात्मक कैसे सोचें
किताब का संपूर्ण सार आपने पढ़ा , सकारात्मकता क्या है, क्यों चाहिए, जरूरी है कि नहीं है, क्या परिणाम आते हैं, सब कुछ सकारात्मक सोच पर निर्भर करता है । कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है । लेकिन अब सवाल आता है कि सकारात्मक कैसे सोचे, सकारात्मक कैसे रहे, इस बात पर सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि हमें वह कौन से तरीके हैं, वह कौन सी तकनीक हैं, जिनसे हम सकारात्मक रह सकते हैं, हम सकारात्मक सोच सकते हैं वह कौन से तरीके हमें अपनाना चाहिए ताकि हम नेगेटिविटी से दूर रहें, हमारे जीवन में सकारात्मक माहौल बना रहे, हमारी सोच सकारात्मक बनी रहे, हमारे दिल में नेगेटिव विचार नहीं आए, नकारात्मक विचारों से दूर रहें । जब हमारे दिमाग में नकारात्मक विचार नहीं आएंगे तो स्वता ही हमारा जीवन संपूर्ण सकारात्मकता से भर जाएगा और जब जीवन सकारात्मकता से भर जाता है तो जीवन में सब कुछ बेहतर होता है बढ़िया होता है ।
तो आइए हम उन तरीकों और विधियों पर फोकस करते हैं जिनके कारण हम जीवन में सकारात्मक सोच सकते हैं सकारात्मक रह सकते हैं ।
सकारात्मक रहने के दो तरीके हैं और दोनों विधियां बहुत ही महत्वपूर्ण है । दोनों में से कोई भी एक विधि का उपयोग करके, अपने जीवन में उसकी पालना करके, जीवन में सकारात्मकता का बीज बो सकते हैं ।
पहला है सकारात्मक सोचें, सकारात्मक रहे, सकारात्मक विचार करें और दूसरा है नकारात्मक सोचना बंद करें, नकारात्मक विचारों को उखाड़ फेंकें नकारात्मकता से दूर रहें ।
अब आइए कुछ बेहतरीन तरीके हैं, उदाहरण हैं, जिनकी बदौलत आप सकारात्मक रह सकते हैं और नकारात्मकता से दूर रह सकते हैं ।
- सकारात्मक कोटेशंस फॉर सुविचार का सहारा ले ।
- अपने दिमाग की रखवाली जरूर करें ।
- अपना ग्रुप, अपनी कंपनी सकारात्मक रखें ।
- प्रोफेशन को पैशन की तरह करें ।
- आकर्षण की शक्ति का नियम पालन ।
- मिलकर काम करने की आदत डालें ।
- सकारात्मक सोशल नेटवर्क बनाएं ।
- ध्यान केंद्रित करने की आदत विकसित करें ।
- हमेशा अच्छे और बड़े सपने जरूर देखें ।
- सकारात्मक कर्म करें ।
- बहानों और शिकायतों से नाता तोड़ देना चाहिए ।
- आप की सक्रियता ही सकारात्मकता का उदाहरण है ।
- आशावादी बने रहें ।
- बेहतरीन आदतों का विकास करें ।
- भविष्य के बारे में जरूर सोचे ।
- संभावनाओं को तलाशते रहें ।
- प्रकृति की गोद का आनंद लें ।
- शारीरिक व्यायाम पर ध्यान दें ।
- अच्छा और संतुलित भोजन ले ।
- आत्मीय एवं मानसिक प्रेरणा स्वयं पैदा करें ।
- निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करें ।
- अध्यात्म से जुड़े ।
- धार्मिक म्यूजिक सुनें ।
- बेहतरीन पुस्तकों को अपना दोस्त बनाएं ।
- सकारात्मक लोगों की संगति करें ।
- अपना आत्मविश्वास मजबूत रखें ।
- दिमाग की सफाई जरूर करें ।
- अच्छे शब्दों का चयन ।
- स्वयं व्यस्त रहें ।
- मॉर्निंग वॉक जरूर करें ।
- छोटे-छोटे बच्चों के साथ समय बिताएं ।
- अपने दिल में समाई अज्ञानता से लड़े ।
- व्यवहारिक बने यथार्थ में नहीं जीये ।
- तथ्यों को परखने की कोशिश करें ।
- अति ज्यादा सोच में नहीं पढ़े ।
- जीवन के निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें ।
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