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बच्चो को प्रतिभावन बनाने के 20  रहस्य

 

सामान्यतया बच्चों की परवरिश पर भारत जैसे देश मे बहुत कम ध्यान दिया जाता है । यहां अक्सर माता पिता पैसे कमाने में ज्यादा और बच्चों के जीवन निर्माण पर कम ध्यान देते है । यही वजह  है कि आज के युग में भारत में बेरोजगारी , संस्कारहीनता , गलत रास्तों की राह पकड़ते युवा , माता पिता को वृद्धा आश्रम में भेजते बड़ी नोकरियों वाले बेटे –  बेटियाँ और बहुएं ।

यह थोड़ा कहने में कड़वा है लेकिन उतना ही कड़वा सच भी है । समय रहते बच्चों को अच्छे संस्कार , अच्छी शिक्षा और अच्छा व्यवहार सिखाना बेहद जरूरी है , जी हां जरूरी तो है लेकिन कैसे  , किस तरह , क्या तरीके है ।

बचपन सोने का संसार होता है । बचपन में जो भी आदते पड़ जाती हैं उनका असर जीवन भर रहता है । बालशिशु का और उसके दिमाग का विकास गर्भाधान से ही शुरू हो जाता है । इसलिए माँ के रहन सहन , खान पान , स्वास्थ्य , आदते और उस वक्त के वातावरण का प्रभाव उस बच्चे पर बहुत ज्यादा होता है ।

 

जब जन्म होता है तब से तो बच्चे के विकास की गती बहुत तेज हो जाती है ।सोचने ,सिखने और समझने की क्षमता तेजी से बढ़ने लगती है ।

बस यही वह समय है जब बच्चे का बेहतरीन विकास हो सकता है , किया जा सकता है ।

इस मोड़ पर बच्चों को विकसित करने के लिए कई मुद्दों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है । जैसे उनका पालन पोषण , भाषा , व्यवहार , संस्कार , शिक्षा , आदत , भावनात्मक, शारीरिक , मानसिक और बौद्धिक विकास , सेवा , समर्पण , सुरक्षा और प्रेरणा आदि आदि ।

आइये उन मुख्य तरीको पर गौर करते हैं जिन्हें अपनाकर बच्चों को प्रतिभाशाली बनाया जा सकता है, संस्कारवान और शिक्षित बनाया जा सकता है ।

माता पिता को चाहिए कि अपने व्यस्त जीवन शेली से भी कुछ समय निकालकर निम्नलिखित बातों पर गौर करते हुए बच्चों को यह सिद्धांत सिखाएँ  और एक बात मान लें  कि बच्चे सिर्फ ये बातें उन्हे बताने से या कहने से नहीं मानेंगे  यह सब माता पिता को स्वयं करना होगा , तब जाकर ब्बच्चे आपका अनुसरण करेंगे :-

  1. अनुशासन में रहना सिखाये
  2. उनके साथ मस्ती करने का समय निकले
  3. उनके साथ दोस्त बनकर रहें
  4. छोटी छोटी गलती पर दंड नही दे लेकिन हर बार गलती भी माफ न करे
  5. आत्मनिर्भर क्या होता है ये सिखाये
  6. अपनी इच्छाओं को उन पर नही थोपना चाहिए
  7. बच्चों को और उनके सामने गलत भाषा न बोले
  8. अपनी समस्या बच्चों से दुर रखै
  9. बच्चो को ध्यान से सुनें
  10. बच्चो की जिज्ञाशा को प्रोत्साहन दे
  11. बेवजह डाटें नहीं
  12. वजह हो तो जरूर डाटें
  13. बच्चों के दैनिक जीवन पर नजर रखें
  14. बच्चो के विचारों को तवज्जो  दें
  15. उनकी बातों को शिद्दत से सुने
  16. छोटी छोटी गलतियाँ माफ करें
  17. ज्यादा से ज्यादा सवाल पुछें
  18. खाना पीना बांटकर खाना सिखाये
  19. सेवा की भावना जागृत करे
  20. बेवजह पेसे खर्च करने की आदत नही डाले

धन्यवाद

लेखक :- डॉ रमेश भाई आंजणा

http://www.rameshbhaianja.com

 


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