एक ही बात पर इंसान का अपना पूर्ण अधिकार है
संसार में कितने सारे रिसोर्सेज कितने सारे स्रोत, कितनी सारी संपत्ति भरी पड़ी है । हर बात पर, हर चीज पर, किसी न किसी का अधिकार होता है । कई संपत्ति ऐसी होती हैं जिनका हम उपयोग कर सकते हैं जिनका हम प्रयोग कर सकते हैं लेकिन उन पर अधिकार सरकार का होता है । कई ऐसी संपत्ति होती है जिनका हम उपयोग कर सकते हैं लेकिन उस पर अधिकार किसी संस्था या किसी सोसाइटी का होता है मतलब हर एक चीज पर किसी न किसी का अधिकार होता है कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो हम खरीद कर लाते हैं लेकिन फिर भी उन पर पूर्ण रूप से हमारा अधिकार नहीं होता । कहीं ना कहीं, कभी ना कभी वह किसी और की हो जाती हैं या फिर अधिकार का क्षेत्र बदल जाता है उन पर अधिकार किसी और का हो जाता है या फिर वह गुम जाती हैं, उसका जीवन पूरा हो जाता है अवधि पूरी हो जाती है तब वह संपूर्ण रूप से नष्ट हो जाती है ।
लेकिन क्या हमने कभी यह सोचा है कि क्या कोई ऐसी चीज है जिस पर सिर्फ और सिर्फ उस इंसान का अधिकार है जिसके पास वह है और थोड़े समय के लिए नहीं जीवन भर के लिए उस पर सिर्फ उसी का अधिकार है और वह ना कभी नष्ट होती है ना कभी बदलती है ना कभी गुमती है ना कभी उसे जंग लगता है । वह हर एक इंसान के पास है और वह सबकी अपनी अपनी अलग है उस पर सबका अपना अपना अधिकार है और उस पर सबका अपना-अपना पूर्ण अधिकार है जी हां वह चीज है इंसान की सोच , इंसान की कल्पना शक्ति ।
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आपकी कल्पना शक्ति पर सिर्फ और सिर्फ आपका अधिकार है आपकी सोच पर सिर्फ और सिर्फ आप का ही अधिकार है किसी और के कहने से, दुनिया के कहने से, किसी और के नजरिए से या दुनिया के नजरिए से आप नहीं सोच सकते , आप कल्पना नहीं कर सकते क्योंकि उस पर सिर्फ और सिर्फ आपका अधिकार है जैसा आप चाहे जब आप चाहे जिस तरीके से चाहे आप सोच सकते हैं । आप उसकी कल्पना कर सकते हैं । यह आपका निजी अधिकार है , यह आपके ही कंट्रोल में हैं और इसको जब तक जंग नहीं लगता जब तक यह चलती रहती है, जब तक यह खो नहीं जाती, जब तक इंसान की मृत्यु नहीं हो जाती । इसलिए संसार में यही एक ऐसी चीज है जिस पर हर किसी का अपना निजी हक और निजी अधिकार होता है इंसान की सोच और इंसान की कल्पना शक्ति । इसलिए खुद निर्णय कीजिए कि आपको कैसा सोचना है और दूसरी बात यह निशुल्क है इसके कोई पैसे नहीं लगते । सोचने में, अच्छा सोचने में कदापि कभी भी जिंदगी में इस पर कंजूस ना बनें , अच्छा सोचे, बेहतर से बेहतर से भी बेहतरीन सोचे ।
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