इंसान की कल्पनाशक्ति
सोच और कल्पना दोनों में बहुत ज्यादा फर्क है कल्पना शक्ति एक वह शक्ति होती है जिससे इंसान एक जगह बैठे बैठे पूरे संसार की सैर कर सकता है पूरी दुनिया में घूम सकता है पूरे वर्ल्ड की वादियों में घूम सकता है एक जगह बैठे बैठे पूरे संसार के मजे ले सकता है पूरे संसार में घूम कर वापस उसी कुर्सी पर आ करके बैठ सकता है इंसान का दिमाग कितना सोच सकता है इसके बारे में अंदाजा लगाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है कल्पना शक्ति एक ऐसी काबिलियत है जिस काबिलियत के तौर पर इंसान अपने मन में उन चीजों की तस्वीर बनाते हैं उन चीजों का चेहरा बनाते हैं या फिर उनके बारे में सोच लेते हैं जो नई और बहुत सारी दिलचस्प चीजें सोच लेता है इसकी परिभाषा को यह नहीं लगता कि इंसान कभी-कभी अपनी कल्पना शक्ति का प्रयोग करता है इंसान अपनी कल्पना शक्ति का इस्तेमाल करता है कभी-कभी कल्पना शक्ति ऐसी होती है जो हकीकत में भी बदल जाती है और कभी कभी इंसान अपनी कल्पना शक्ति के आधार पर गलत ख्वाब देखता है जो उसके लिए फायदेमंद नहीं होते तो ऐसी चीज है उसे हैरत में डाल देती हैं और कभी-कभी बड़े खतरनाक विचार अपने दिमाग में लाकर उसके बारे में उस पर मनन करने लगता है और अनैतिक तरीके से देखे हुए ख्वाबों ने तरीके उसको ले जाती है और फिर वह मुश्किल में पड़ जाता है कभी-कभी धन दौलत के बारे में सोचता है कभी कभी सुख और दुख के बारे में सोचता है इंसान जैसी कल्पना करता है ऐसे ही हालातों का सामना करता है कल्पना शक्ति में किसी परेशानी का सामना करने उससे निपटने की काबिले दी होती है क्योंकि आप जैसी कल्पना करते हैं बस ऐसी ही चीजें आपके समक्ष आने लगती हैं और ऐसी ही चीजें इंसान के सामने प्रकट होने लगती है और इंसान उसी तरीके से व्यवहार करने लगता है कल्पना शक्ति दो तरीके से होती है जो इंसान बड़े बड़े ख्वाब देखता है बेवजह की कल्पना करता है
वह कल्पनाएं सिर्फ और सिर्फ तब तक ही उस इंसान को साबित होते हुए दिखाई देती हैं जब तक वह सिर्फ कल्पना करता ही है जैसे ही उसकी कल्पना शक्ति खत्म होती है वैसे ही उस इंसान का सब कुछ चकनाचूर हो जाता है ऐसी कल्पना ओं का कोई सफल परिणाम नहीं निकलता कोई नई चीज निकल कर सामने नहीं आती
दूसरी तरीके की बहुत कल्पना होती है जो इंसान करता है और एक बेहतरीन और अच्छे कल्पना शक्ति में खो जाता है फर्क सिर्फ ऐसी चीजों की कल्पना करता है जिससे कि उसको लगता है कि वह किसी नई चीज को जन्म देगा किसी ने आविष्कार को जन्म देगा और ऐसी अच्छी चीजों और नई सज्जित और सर्जन करनेवाली चीज़ों पर कल्पना करके उन पर मनन करना उन पर काम करना और उन्हें सच में साबित करना एक सृजनात्मक कल्पना हो जाती है और वह कल्पना इंसान के लिए एक आविष्कार में बदल जाता है इस तरीके की की हुई कल्पना हजारों और लाखों लोगों के लिए फायदेमंद होती है
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